RSS - Hindu Samskriti Ke Vat Vishal - текст песни, слова, перевод, видео

Исполнитель: RSS

Название песни: Hindu Samskriti Ke Vat Vishal

Дата добавления: 04.07.2022 | 18:24:04

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Ознакомьтесь с текстом песни RSS - Hindu Samskriti Ke Vat Vishal

तेरी चोटि नभ छूती है
Ваш холод затрагивает небо
तेरी जड पहुँच रही पाताल
Ваш корень достигает Патала
हिन्दु संस्कृति के वट विशाल॥धृ॥
Вишал Ватра индуистской культуры


जाने कितने ही सूर्योदय मध्यान्ह अस्त से तू खेला
Знайте, сколько восхода солнца вы играли в полдень
जाने कितने तूफानों को तूने निज जीवन में झेला
Знайте, сколько штормов вы столкнулись в своей жизни
कितनी किरणों से लिपटी है तेरी शाखाएँ डाल-डाल ॥१॥
Сколько лучей обернута вашими ветвями.


जाने कितने प्रिय जीवों ने तुझमें निज नीड़ बनाया है
Знайте, сколько дорогих существ сделали вашу собственную иглу в вас
जाने कितने यात्री गण ने आ रैन बसेरा पाया है
Знайте, сколько путешественников нашли ночное укрытие
कितने शरणागत पूज रहे तेरा उदारतम अन्तराल ॥२॥
Сколько беженцев поклоняются, ваш щедрый интервал 429


कुछ दुष्टों ने जड़ भी खोदी शाखा तोड़ी पत्ते खींचे
Некоторые нечестивые также привлекли корневую ветку
फिर कई विदेशी तत्वों के विष से जड़ के टुकड़े सींचे
Затем орошайте корневые кусочки ядом многих иностранных элементов
पर सफल आज तक नहीं हुई उन मूढ़ जनों की कुटिल चाल ॥३॥
Но успех не был успешным до настоящего времени, коварные движения этих глупых людей.


अनगिन शाखाएँ बढ़ती है धरती में मूल पकड़ती हैं
Неизжающие ветви растут оригинальны на земле
हो अन्तर्विष्ट समष्टि समा वे तेरा पोषण करती है
Хо содержит контакт, они питают тебя
तुझ में ऐसी ही मिल जाती जैसे सागर में सरित माल ॥४॥
Вы бы получили то же самое в себе, как сариные товары в океане ॥४॥॥


उन्मुक्त हुआ लहराता है छाया अमृत बरसाता ह
Чхайя размахивает не заинтересованным